स्वास्थ्य चर्चा


                                                               उच्च रक्तचाप 
उच्च रक्तचापवालों को नमक का प्रयोग कम करना चाहिए। करेला और सहजन की फली का नित्य सेवन उच्च रक्त चाप में परम हितकारी हैं। सौंफ, जीरा, शक्कर तीनों को बराबर लेकर पाउडर बना लें। इसे एक चम्मच एक गिलास पानी में घोलकर सुबह-शाम पीने से लाभ होता है। उच्च रक्तचाप में पांच तुलसी के पत्ते तथा दो नीम की पत्तियों को पीसकर 20 ग्राम पानी में घोलकर खाली पेट सुबह पिएं। उच्च रक्त चाप में मरीजों को सुबह-शाम एक टुकड़ा अदरक का काली मिर्च के साथ चूसना चाहिए। लाल मिर्च के सेवन से नसें और रक्त वाहिकाएं चौ ड़ी हो जाती हैं, जिससे रक्त प्रवाह सहज हो जाता है और रक्तचाप नीचे आ जाता है। बिना चोकर निकाले गेहूं व चने के आटे को बराबर मात्रा में लेकर बनाई गई रोटी खूब चबा-चबाकर खानी चाहिए। पाँच ग्राम मेथीदाना पावडर दस दिनों तक सुबह-शाम पानी के साथ लें। प्रतिदिन नंगे पैर हरी घास पर 10-15 मिनट जरूर चलें, इससे रक्तचाप सामान्य रहता है। एक चम्मच आंवले का रस और एक चम्मच शहद मिलाकर सुबह-शाम लेने से उच्च रक्तचाप में बहुत लाभ होता है। उच्च रक्तप्रेशर के मरीजों के लिए पपीता भी बहुत लाभकारी है, इसे खाली पेट चबा-चबाकर खाना चाहिए। तरबूज के बीज तथा खसखस को अलग-अलग पीसकर बराबर मात्रा में मिलाकर रख लें। प्रतिदिन खाली पेट एक चम्मच पानी के साथ लें। गाजर और पालक का रस मिलाकर एक गिलास सुबह-शाम पीने से लाभ मिलता है। उच्च रक्तचाप को जल्दी नियंत्रण करने के लिये आधा गिलास पानी में आधा नीबू निचोड़कर 2-2 घंटे के अंतर से पीना चाहिए। जब रक्तचाप बढा हुआ हो तो आधा गिलास हल्के गर्म पानी में एक चम्मच काली मिर्च पाउडर घोलकर 2-2 घंटे में पीते रहें। कुछ दिनों तक लगातार आधा चम्मच मेथी दाने का पाउडर पानी के साथ लेने से उच्च रक्तचाप में लाभ होता है। तुलसी के पाँच पत्ते और नीम के दो पत्ते कुछ दिनों तक लेने से उच्चरक्त चाप मे लाभ होता है। तांबे के बर्तन में रखा हुआ पानी पीने से उच्चरक्त चाप में लाभ होता है। दो कली लहसुन की खाली पेट लेने से उच्च रक्त चाप में फायदा होता है। लौकी का एक कप रस सुबह खाली पेट लेने से उच्च रक्तचाप कम होने में फायदा करता है। प्रतिदिन एक चम्मच तुलसी के पत्तों का रस लेना सभी रोगों में लाभकारी होता है। डेयरी प्रोडक्ट्स कैल्शियम के अच्छे सोर्स होते हैं, लेकिन इनमें जरूरत से ज्यादा फैट होता है। एक कप दूध में 8 ग्राम फैट होता है। इसमें 5 ग्राम सैचुरेटेड फैट होता है, जो उच्च बीपीवाले लोगों के लिए अच्छा नहीं होता। अचार में बहुत कम मात्रा में कैलोरी होती है, लेकिन इसमें सोडियम बहुत ज्यादा होता है। सोडियम उच्च रक्तचाप से पीड़ित लोगों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है। अच्छी क्वालिटी के फास्ट फूड में फैट फ्री ऑयल होने के बावजूद यह उच्च बीपी के लिए ठीक नहीं होता। इसकी वजह ये है कि फास्ट फूड में फैट और सोडियम, दोनों होते हैं। एक मीडियम फ्रेंच फ्राइज में ही 19 ग्राम फैट और 270 मिली ग्राम सोडियम होता है। उच्च रक्तचाप में जितना हो सके नमक कम खाएं। केवल दिन भर में आधा चम्मच नमक ही काफी है। टेबल सॉल्ट का प्रयोग न करें। नमक की मात्रा बराबर रखने के लिए हफ्ते में एक बार बिना नमक का भोजन करें। इससे धीरे-धीरे नमक का सेवन कम करने लगेंगे। एक्स्ट्रा शुगर वजन बढ़ाता है। बढ़ा हुआ वजन दिल पर ज्यादा जोर डालता है। शुगर की वजह से लिवर को ज्यादा यूरिक एसिड बनाना पड़ता है और इस वजह से उच्च रक्तचाप हो जाता है। यह हार्ट डिसीज का कारण बन सकता है। एल्कोहल के सेवन से रक्तचाप का खतरा बहुत बढ़ जाता है। जिन्हें पहले से बीपी की समस्या है, उनके लिए शराब बहुत ही नुकसानदेह होती है। शराब पीने से उच्च बीपी से पीड़ित लोगों में कई और बीमारियों के खतरे बढ़ जाते हैं। फैट से भरे फूड दिल और रक्त वेसल्स, दोनों के लिए अच्छे नहीं होते। इसीलिए ज्यादा फैटवाले फूड्स अवॉइड करने चाहिए, जैसे रेड मीट आदि। साथ ही, हाइड्रोजेनेटिड ऑयल्स में बने फूड भी अवॉइड करने चाहिए।
<iframe style="width:120px;height:240px;" marginwidth="0" marginheight="0" scrolling="no" frameborder="0" src="//ws-in.amazon-adsystem.com/widgets/q?ServiceVersion=20070822&OneJS=1&Operation=GetAdHtml&MarketPlace=IN&source=ss&ref=as_ss_li_til&ad_type=product_link&tracking_id=aishvarya1963-21&language=en_IN&marketplace=amazon&region=IN&placement=1471131823&asins=1471131823&linkId=abf742ab915e0593490c325debe17f4d&show_border=true&link_opens_in_new_window=true"></iframe>

Best seller on amazon

https://amzn.to/3fHC9kG





Comments

Popular posts from this blog

Senior Citizens Red Carpet From Star health

MEDI CLASSIC INDIVIDUAL POLICY

Potatoes, Eggs, and Coffee Beans